उपरोक्त सूची 2020-21 रवि तथा 2020 खरीफ में बीमा से वंचित रहे किसानों की है। इस सूची में जिन कृषकों का नाम है वह कृषक बैंक में जाकर जिनका आधार नंबर खाते से जुड़ा हुआ नहीं है वो अपना आधार नंबर जुड़वाए तथा जिनका खाता बंद है वो अपना खाता चालू करवाए और बैंक से उसका प्रमाण पत्र लेकर आधार कार्ड की फोटोकॉपी तथा चालू बैंक खाता की फोटोकॉपी जमा करवाए ताकि बाउंस राशि का भुगतान हो सके।
इन राज्यों के किसान 31 दिसंबर तक करा सकते हैं
फसल बीमा अभी मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, हरियाणा, असम आदि राज्य के गैर ऋणी एवं बंटाईदार कृषक स्वैच्छिक आधार पर करा सकते हैं। इन राज्यों में फसलों का बीमा नामांकन कराने की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर, 2022 तक है। रबी सीजन की मुख्य फसलें सिंचित एवं असिंचित गेहूं, चना, अलसी मसूर एवं राई/ सरसों, सूरजमुखी, तारामीरा, इसबगोल, आलू, मटर, जौ, मक्का, जीरा, मेथी आदि राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में बोई जाने वाली मुख्य फसलें शामिल हैं। फसल बीमा योजना के तहत पंजीयन कराते समय किसान अपने जिले या ब्लॉक में अधिसूचित फसलों की जानकारी देख लें।
किसानों को कितना प्रीमियम देना होगा?
सभी अधिसूचित फसल उगाने वाले गैर ऋणी किसान, जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हो। वे बुआई पुष्टि प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत कृषक प्रीमियम राशि, बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि निर्धारित है।